Monday, November 17, 2014

from PCI(M) - Maoist statement on pendry nasbandi kand

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)
Communist Party of India (Maoist)
मैनपुर डिवीजनल कमेटी
Mainpur Divisnol Committee

प्रवक्ता - रामचंद्र मांझी प्रैस स्टेटमेंट दिनांक 6 नवंबर 2-14

'पेंडारी नशबंदी कांड' के दोषियों को जनआदालत में कड़ी सजा दो.
स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री राज्य की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बंद करो.
कंपनियों व साम्राज्यवादियों से दलाली लेने के लिये
गरीब महिलाओं को मारना बंद करो
बिलासपुर जिला के पेंडारी नसबंदी शिविर में 15 गरीब वर्ग की महिलाओं की मौत व 100 के करीब हस्पतालों में मौत से जूझ रही महिलाओं की हालात के जिम्मेदार मुख्यमंत्री रमन सिंग और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल हैं. क्योंकि दवा कंपनियों से मोटी कमाई खाने के लिये मंत्री व मुख्यमंत्री ने समझौते किये हैं. इतना ही नहीं जिस सीजीएमएस यानी दवाई खरिदने वाले विभाग का गठन किया गया है उन में कोई भी डाक्टर नहीं है जो दवाईयों की गुणवत्ता की जांच कर सके. उसके 90 अधिकारी व कर्मचारी मंत्रियों के चहेते या परिवार वाले हैं. जिन दवाई कंपनियों से दवायें खरीदी गयी हैं उनसे मोटी दलाली रमन सिंग व अमर अग्रवाल जैसे मंत्रियों के घर पहुंचती है.
लेकिन छोटे स्तर के डाक्टरों को बर्खास्त करके उनको बलि का बकरा बनाया जा रहा है. कलकता लैब में दवाईयों की गुणवत्ता की जांच करवाने, रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन जनता को ठगने व बहलाने का तरीका है. रमन सिंग व अमर अग्रवाल को अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्विकारते हुये तुरंत इस्तिफा देकर जनता की आदालत में पेश होना चाहिये.
इसके आलावा इन गरीब महिलाओं की मौत की जिम्मेदार केंद्र सरकार व संयुक्त राष्ट्र संघ की है जिसको भारत की गरीब महिलाओं की कोख समस्या के रुप में दीखती है. अपनी गलत नितीयों को छुपाने के लिये साम्राज्यवादी देश गरीबी, जलवायु परिवर्तान, प्रदुषण जैसी समस्याओं के लिये गरीब देशों की जनसंख्या को जिम्मेदार ठहराते हैं. जनसंख्या को कम करने के लिये सहायता के नाम से भारी कर्ज व अनुदान देकर जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिये कार्यक्रम बनवाते हैं. भारत में जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम पूरी तरह से अमेरीका के बिलगेट्स फाउंडेशन व ब्रिटेन के एनजीओ पर आधारित है. इस तरह के अनुदानों से इन बड़े पूंजीपतियों का अरबों डालर का टेक्स बचता है. भारत में बनाया गया जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम कोटा आधारित है. साल भार में निर्धारित कोटा को पूरा करने के लिये आशा वर्कर से लेकर जिला के डाक्टरों तक पर दबाव रहता है. इसी का नतीजा है कि पिंडारी के शिविर में 6 घंटे में 100 से ज्यादा आपरेशन कर दिये गये. हमारी पार्टी साम्राज्यवादियों को फायदा पहुंचाने के लिये बनाई गयी इस तरह की योजनाओं का कड़ा विरोध करती है. हम महिलाओं की अपनी कोख पर अधिकार का समर्थन करते हैं. किसी भी सरकार व एनजीओ व्दारा गरीब महिलाओं को अपना कोटा पूरा करने के लिये पैसों का लालच देकर तैयार करने का विरोध करते हैं.
सरकार व अर्ध सैनिक बलों व्दारा चलाये जा रहे तमाम स्वास्थ्य शिविर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. सिविक एक्शन कार्यक्रमों के माध्यम से दी जाने वाली दवाएं भी अक्सर ऐसी ही होती हैं. बहुत सारे लोग ऐसे स्वास्थ्य शिविरों से अपनी जिंदगी व स्वास्थ्य से हाथ धोने पर मजबूर हैं. जो किसी के टेक्सों को बचाने के लिये व खराब दवाईयों को खपने के लिये आयोजित किये जाते हैं. छत्तीसगढ़ सरकार के माथे से आंख फौड़वा होने का धब्बा अभी हटा भी नहीं था कि अब और एक सच्चाई सामने आ गयी. इतना ही नहीं स्वास्थय से खिलवाड़, स्वच्छ भारत अभियान का दावा करने वाले मोदी के समय कैसे हो रहा है इस से भी पता चलता है. कि जो 'अमृत नामक' रमन सिंग सरकार बांट रही है उसमें 25 प्रतिशत धीमा जहर है. आंगनबाड़ियों व स्कूलों में सप्लाई किया जाने वाला राशन खाने योग्य नहीं है. जगरगुंडा सलवा जुडूम 'रहात' शिविर में भेजा गया अनाज इतना खराब था कि उसे जनवरों को खिलाना पड़ा, शिविर में रह रहे लोगों ने अधिकारियों के सामने अपना विरोध प्रकट किया.

अत: हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ बंद करें. जनता से अव्हान करते हैं कि अच्छी व सुलभ स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये संघर्ष करे. जिंदगियों से खिलवाड़ करने के लिये सरकार व सरकारी अर्ध सैनिक बलों व्दारा लागये जाने वाले घटिया स्वास्थ्य शिविरों का बहिष्कार करे. रमन सिंग व अमर अग्रवाल को जनता कड़ी सजा दे. मृतों के तमाम परिजनों के प्रति हमारी कमेटी संत्वना प्रकट करते हुये उनके दुख में सरीक होती है.

प्रवक्ता
रामचंद्र मांझी
मैनपुर डिवीजनल कमेटी
भाकपा (माओवादी)

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